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लाइफस्टाइल डेस्क. मेघालय की आबादी लगभग 36 लाख और कुछ क्षेत्रफल 22720 वर्ग मीटर है, जो समुद्र तट से करीब 4900 फीट है। यहां खासी, गारो, असमिया, अंग्रेजी व हिंदी भाषा बोली जाती है। शिलांग मेघालय की राजधानी है। गुवहाटी से 120 किलोमीटर की यात्रा हमने जैसे ही आरंभ की, प्रकृति की वो सारी सुंदरता एक-एक करके हमारे आंखों में समाती गई। ऊंचे पहाड़ उनमें बहते झरने छोटे बड़े तालाब का रंगीन पानी उसमे झांकते पेड़ पौधे मानो कुदरत ने अपनी सारी सुंदरता यहां बिखेर रखी हो। इसी कारण इसे स्कॉटलैंड ऑफ ईस्ट (Scotland of east) भी कहा जाता है।
लिविंग रुट ब्रिज
चेरापूंजी से लगभग 12 किलोमीटर दूरी पर बना यह अद्भुत सेतु है, जिसे लिविंग रूट ब्रिज कहा जाता है। झरने के दोनों ओर खड़े पेड़ों की जड़ों को आपस में गूंथकर बनाया गया है। टायरना ग्राम में तो इस प्रकार का डबल डेकर सेतु बना है, जिसका उपयोग निरंतर पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है। यह दुनियाभर में अपनी तरह का एकमात्र सेतु है, जो हमारे देश के इस अनूठे राज्य के निवासियों के कौशल का परिचय तो देता ही है, साथ ही हमें गौरवान्वित भी करता है।
सेवन सिस्टर्स फाॅल्स
यह खासी हिल्स जिले में मावसाई गांव में स्थित एक सात खंडों वाला झरना है, जो 1033 फीट की ऊंचाई से गिरता है। इसकी औसत चौड़ाई 230 फीट यानी 70 मीटर है। विशेषकर डूबते सूरज के समय निहारने पर यह फॉल बहुत ही खूबसूरत दिखाई देता है। ऐसा प्रतीत होता है मानो इंद्रधनुष के सातों रंग इसमें समा गए हों। यहां स्थानीय लोगों में यह मान्यता है कि साथ खंडों में विभाजित ये सात धाराएं नार्थ ईस्ट के सातों राज्यों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
उमियम झील
गुवहाटी से मेघालय के मध्य में पड़ने वाली उमियम झील को बरापानी झील के नाम से भी जाना जाता है। यह झील मानव निर्मित होने के साथ अमेरिका की बरमूडा झील से भी बड़ी है। इसे निहारने पर इसकी सुंदरता व भव्यता के साथ मानव के प्राकृतिक प्रेम, साहस व निष्ठा का भी अनूठा परिचय होता है। चेरापूंजी के समीप नोहकलिकाई प्रपात को भारत के सबसे ऊंचे जल प्रपात होने का दर्जा प्राप्त है। इसकी केवल एक धारा जो लगभग 75 फीट चौड़ी है, सीधे 1115 फीट यानी 340 मीटर की ऊंचाई से गिरती है। इसे देखकर रोमांचित होना स्वाभाविक है
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